दीपावली प्रकाश पर्व मंगलमय हो-

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611.what's App no 9971065525 DD-Live YDMS दूरदर्पण विविध राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय विषयों पर दो दर्जन प्ले-सूची https://www.youtube.com/channel/UCHK9opMlYUfj0yTI6XovOFg एवं CD-Live YDMS चुनावदर्पण https://www.youtube.com/channel/UCjS_ujNAXXQXD4JZXYB-d8Q/channels?disable_polymer=true: :

Sunday, March 8, 2020

विश्लेषण- दिल्ली विधानसभा चुनाव

युदस नदि 07 मार्च। दिल्ली विधानसभा चुनाव में हुई भारतीय जनता पार्टी की भारी पराजय कुछ दिनों से चर्चा का विषय रहा है। रास्वसं ने भी भाजपा की चुनावी रणनीति पर प्रश्न खड़ा किया है। संघ की पत्रिका ऑर्गेनाइजर में प्रकाशित लेख में दिल्ली के चुनाव में भाजपा की चुनावी रणनीति पर प्रश्न उठाते हुए कहा गया है कि दिल्ली एक छोटा सा शहर है, अतः पार्टी को यहां स्थानीय मुद्दों के साथ, अपना मुख्यमंत्री सामने रखना चाहिए था। मतदाताओं का ध्यान भटका कर ध्रुवीकरण करने का परिणाम हमारे सामने है। -युगदर्पण®
Issue and face missing

उचित मुद्दे और चेहरे का अभाव

ऑर्गेनाइजर के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में स्थानीय मुद्दों को ढंग से नहीं उठाया, वहीं विपक्ष के पास न केवल ठोस वोट बैंक था, बल्कि उन्होंने स्थानीय मुद्दों को भी लोगों के बीच उठाया जिसका लाभ उन्हें मिला। जिस प्रकार से सभी सांसद, कबीना मंत्रियों ने दिल्ली चुनाव में पार्टी का प्रचार किया, उससे लगता है कि भाजपा मोदी और केन्द्र के सहारे चुनावी वैतरणी पार करना चाहती थी, जोकि इस चुनाव में उसकी सबसे बड़ी भूल रही। पार्टी को स्थानी मुद्दों के साथ दिल्ली इकाई को चुनाव का नेतृत्व संभालना चाहिए था।
Late campaign

विलम्ब से आरंभ हुआ प्रचार

पत्रिका में रतन शरद ने इस लेख लिखा है, कि भाजपा की चुनाव प्रचार नियोजन सही नहीं था। पार्टी ने चुनाव से मात्र कुछ ही दिन पूर्व चुनाव प्रचार करना आरंभ किया, जबकि अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने बहुत पहले ही अपना चुनाव प्रचार आरंभ कर दिया था। भाजपा को दिल्ली के चुनाव में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर एक अभियान चलाने की आवश्यकता थी। किन्तु पार्टी ऐसा नहीं कर सकी। दिल्ली के लोग आम चुनाव और दिल्ली के चुनाव में भिन्न-भिन्न मुद्दों पर वोट करते हैं। इस पर ध्यान देना चाहिए था। 
People trusted AAP

लोगों ने आप पर किया भरोसा

2014 के लोकसभा चुनाव में लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को चुना था, जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में लोगों ने आम आदमी पार्टी को पसंद किया था। यही नहीं दूसरे प्रदेश के चुनाव के रुझान पर दृष्टि डालें तो वह भी इस तथ्य की पुष्टि करते हैं। सर्वे में पता चलता है कि लोग नासंका का समर्थन कर रहे हैं, किन्तु विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के समर्थक शाहीन बाग एवं नासंका के मुद्दे को चुनाव का मुद्दा बनाने में विफल रहे। 
शाहीन बाग के मुद्दे पर ऑर्गेनाइजर में लिखा गया है कि गृहमंत्री ने अपनी अधिकतर सभाओं में शाहीन बाग का मुद्दा उठाया, किन्तु मीडिया के समर्थन के अभाव में भाजपा के नेता सभा के आगे इसे नहीं पहुंचा सके। चुनाव पश्चात स्वयं अमित शाह ने कहा था कि उनका मूल्यांकन गलत निकला। 
Won 8 seats

मात्र 8 स्थानों पर मिली विजय

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 70 में से मात्र 8 स्थानों पर विजय मिली, जबकि आम आदमी पार्टी  62 का प्रचंड बहुमत लाई। वहीं कांग्रेस एक बार फिर से प्रदेश में अपना खाता तक नहीं खोल पाई। दिल्ली के चुनाव में भाजपा ने कुल 6577 सभाएं की, जिसमें स्वयं अमित शाह ने 52 रोड शो और जनसभाएं की। 
किन्तु देेश का शीर्ष मीडिया मानो केेजरीवाल की न्यूनताओं को ढकने और उसे नायक बनाने, जबकि भाजपा की एक एक शब्दावली पर उसे खलनायक प्रमाणित करने की ठान कर बैठा था। इसमें जी टीवी को अपवाद मानें। 
मतदाताओं का ध्यान भटका कर ध्रुवीकरण करने का परिणाम हमारे सामने है। -युगदर्पण®

1 comment:

  1. *देेश का शीर्ष मीडिया मानो केेजरीवाल की न्यूनताओं को ढकने और उसे नायक बनाने, जबकि भाजपा के एक एक शब्द को मरोड़ कर उसे खलनायक प्रमाणित करने की ठान कर बैठा था। (इसमें जी टीवी को अपवाद मानें।)*

    *मतदाताओं का ध्यान भटका कर ध्रुवीकरण करने का परिणाम हमारे सामने है।* इसे भविष्य में रोकने हेतु नकारात्मक बिकाऊ मीडिया का सकारात्मक सार्थक विकल्प -युगदर्पण® मीडिया समूह YDMS👑 9971065525

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राष्ट्ररक्षायाम उत्तिष्ठत जाग्रत, परित्राणाय साधुनाम विनाशाय
च: दुष्कृताम, अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानम सृज्याहम !!