दीपावली प्रकाश पर्व मंगलमय हो-

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611.what's App no 9971065525 DD-Live YDMS दूरदर्पण विविध राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय विषयों पर दो दर्जन प्ले-सूची https://www.youtube.com/channel/UCHK9opMlYUfj0yTI6XovOFg एवं CD-Live YDMS चुनावदर्पण https://www.youtube.com/channel/UCjS_ujNAXXQXD4JZXYB-d8Q/channels?disable_polymer=true: :

Tuesday, March 24, 2020

नव संवत 2078, चैत्र प्रतिपदा

नव संवत 2078, चैत्र प्रतिपदा

नव संवत 2078, चैत्र प्रतिपदा की शुभकामनाएं। आप सभी को सपरिवार मंगलमय हो। 
अंग्रेजी का नव वर्ष भले हो मनाया,
उमंग उत्साह चाहे हो जितना दिखाया;
विक्रमी संवत बढ़ चढ़ के मनाएं,
चैत्र के नवरात्रे जब जब आयें।
घर घर सजाएँ उमंग के दीपक जलाएं;
आनंद से ब्रहमांड तक को महकाएं।
यह केवल एक कैलेंडर नहीं, प्रकृति से सम्बन्ध है;
इसी दिन हुआ सृष्टि का आरंभ है। 
 तदनुसार 13 अप्रेल 2021, इस धरा के वराह कल्प की   1955885121वीं वर्षगांठ तथा इसी दिन सृष्टि का शुभारंभ   हुआ. आज के दिन की प्रतिष्ठा ?
1. भगवान राम का जन्म एवं कालांतर में राज्याभिषेक.  2. युधिस्ठिर संवत का आरंभ  3.विक्रमादित्य का दिग्विजय सहित विक्रमी संवत 2078 वर्ष पूर्व आरंभ  4. वासंतिक नवरात्र   का शुभारंभ  5. शिवाजी महाराज की राज्याभिषेक6. राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ  के संस्थापक डॉ  केशव बलिराम हेडगेवर जी का  जन्म  7. आर्य समाज की स्थापना भी वर्षप्रतिपदा को हुई।  देश के विभिन्न क्षेत्रों में इसे गुडी पडवा,   उगादी, दुर्गा पूजा आदि के रूप में मनाते है। ईश्वर हम सबको ऐसी इच्छा शक्ति प्रदान करे, जिससे हम अखंड माँ भारती को जगदम्बा का स्वरुप प्रदान करे। 
धरती मां पर छाये वैश्विक ताप रुपी दानव को परास्त करे... और सनातन धर्म की जय हो।..
युगदर्पण परिवार की ओर से अखिल विश्व में फैले हिन्दू समाज सहित, सभी के लिए गुडी पडवा, उगादी,
नव संवत 2078, चैत्र प्रतिपदा की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं। 
जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे,  तब पायें - नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक 
व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प- युगदर्पण मीडिया समूह YDMSहिंदी साप्ताहिक राष्ट्रीय समाचार पत्र2001 से पंजी सं RNI DelHin11786/2001 (विविध विषयों के 30ब्लाग, 5 चेनल  अन्य सूत्र) 
की 60-70 से अधिक देशों में  एक वैश्विक पहचान है। अब कू और टूटर पर, व्यक्तिगत एवं संस्थागत खाते हैं। 
-तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार, -युगदर्पण ®2001 YDMS official
जागो और जगाओ!  जड़ों से जुड़ें, 
युगदर्पण®2001 मीडिया समूह YDMS👑  से जुड़ें!!  इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक, बनकर। 
विश्व कल्याणार्थ भारत को विश्व गुरु बनाओ !!!     যুগ দর্পণ, યુગ દર્પણ  ਯੁਗ ਦਰ੍ਪਣ, யுகதர்பண  യുഗദര്പണ  యుగదర్పణ  ಯುಗದರ್ಪಣ, يگدرپयुगदर्पण:,  yyugdarpan
Media For Nation First & last. राष्ट्र प्रथम से अंतिम, आधारित मीडिया YDMSतिलक -समूह संपादक 
9911111611, 7531949051, 9911383670, 9971065525
http://yugdarpan.simplesite.com/
यह राष्ट्र जो कभी विश्वगुरु था, आज भी इसमें वह गुण,
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका; विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक

Wednesday, March 11, 2020

कांग्रेसी कुचक्रग्रस्त सिंधिया परिवार की यात्रा

मप्र सरकार, संकट मध्ये: राजमाता सिंधिया से ज्योतिरादित्य तक: देखें- ग्वालियर के सिंधिया परिवार की राजनैतिक यात्रा, कांग्रेसी कुचक्र। 

newimg/10032020/10_03_2020-1_20099616_143047342.jpg

युदस नदि 11 मार्च 20 मध्यप्रदेश में जारी राजनैतिक उठापटक के केंद्र में एक बार फिर ग्वालियर राजघराने की चर्चा सर्वोपरि है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से त्यागपत्र ने उनकी दादी का स्मरण करा दिया, जो चाहती थीं कि पूरा परिवार भाजपा में रहे। जिवाजी राव सिंधिया और विजया राजे सिंधिया की पांच संतानों में माधवराव और अब उनके पुत्र ज्योतिरादित्य के अतिरिक्त सभी भाजपा में ही हैं। आइए जानते हैं, ग्वालियर के सिंधिया परिवार की राजनैतिक यात्रा पर -एक पैनी दृष्टि सम्पादक युगदर्पण   

विजया राजे सिंधिया
ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयराजे सिंधिया ने 1957 में कांग्रेस से अपनी राजनैतिक यात्रा आरंभ की थी। वह गुना लोकसभा सीट से सांसद चुनी गईं। मात्र 10 वर्ष में ही उनका मोहभंग हो गया और 1967 में वह जनसंघ में चली गईं। विजयराजे सिंधिया के कारण ग्वालियर क्षेत्र में जनसंघ सशक्त हुआ और 1971 में इंदिरा गांधी की लहर के बाद भी जनसंघ यहां की तीन सीटें जीतने में सफल रहा। स्वयं विजयराजे सिंधिया भिंड से, अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर से और विजय राजे सिंधिया के बेटे और ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया गुना से सांसद बने। 
माधव राव सिंधिया
माधव राव सिंधिया अपने मां-पिता की पांच संतानों में एक ही पुत्र थे। वह चार बहनों के बीच अपने माता-पिता की तीसरी संतान थे। माधवराव सिंधिया मात्र 26 वर्ष की आयु में सांसद चुने गए थे, किन्तु वह बहुत दिन तक जनसंघ में नहीं रुके। आपातकाल 1977 के पश्चात वे जनसंघ और अपनी माता विजयराजे सिंधिया से पृथक हो गए। 1980 में माधवराव सिंधिया ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतकर केंद्रीय मंत्री भी बने। उनका विमान दुर्घटना में 2001 में निधन हो गया। ज्योतिरादित्य सिंधिया इनके पुत्र हैं। 
विजयराजे सिंधिया की बेटियों वसुंधरा राजे सिंधिया और यशोधरा राजे सिंधिया भी राजनीति में हैं। 1984 में वसुंधरा राजे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल हुईं। वह कई बार राजस्थान की मुख्यमंत्री भी बन चुकी हैं। 
यशोधरा राजे सिंधिया
वसुंधरा राजे सिंधिया की बहन यशोधरा 1977 में अमेरिका चली गईं। उनके तीन बच्चे हैं किन्तु राजनीति में किसी ने रूचि नहीं दिखाई। 1994 में जब यशोधरा भारत लौटीं तो उन्होंने मां की इच्छा के अनुसार, भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और 1998 में भाजपा के ही टिकट पर चुनाव लड़ा। पांच बार विधायक रह चुकी यशोधरा राजे सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान की सरकार में मंत्री भी रही हैं। 
ज्योतिरादित्य सिंधिया 
कुचक्रों में घिरा वंश 2001 में एक दुर्घटना में माधवराव सिंधिया की मृत्यु हो गई तो ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पिता की परम्परा संभालते रहे और कांग्रेस के सशक्त नेता बने रहे। गुना सीट पर उपचुनाव हुए तो ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद चुने गए। 2002 में प्रथम विजय के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी चुनाव नहीं हारे थे, किन्तु ऐसा क्या हुआ कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें करारा झटका लगा। कभी उनके ही सहयोगी रहे कृष्ण पाल सिंह यादव ने ही सिंधिया को परास्त किया। इसके बाद लगातार पार्टी में नकारे जाने पर 10 मार्च 2020 को कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया। सिंधिया वंश को मिटाने का प्रमाण -सिंधिया की हत्या को दुर्घटना दर्शाने, जब तक उनके वंश को निचोड़ सके लााभ उठाया, और खटौला बस पप्पू
 ही बिछेगा! अन्य सब मार्ग से हटा दिए जाएंगे।

दुष्यंत सिंह
ग्वालियर राजघराने सम्बन्ध रखने वाली राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के पुत्र दुष्यंत भी भाजपा में ही हैं। वह अभी राजस्थान के झालवाड़ से सांसद हैं। 

Sunday, March 8, 2020

विश्लेषण- दिल्ली विधानसभा चुनाव

युदस नदि 07 मार्च। दिल्ली विधानसभा चुनाव में हुई भारतीय जनता पार्टी की भारी पराजय कुछ दिनों से चर्चा का विषय रहा है। रास्वसं ने भी भाजपा की चुनावी रणनीति पर प्रश्न खड़ा किया है। संघ की पत्रिका ऑर्गेनाइजर में प्रकाशित लेख में दिल्ली के चुनाव में भाजपा की चुनावी रणनीति पर प्रश्न उठाते हुए कहा गया है कि दिल्ली एक छोटा सा शहर है, अतः पार्टी को यहां स्थानीय मुद्दों के साथ, अपना मुख्यमंत्री सामने रखना चाहिए था। मतदाताओं का ध्यान भटका कर ध्रुवीकरण करने का परिणाम हमारे सामने है। -युगदर्पण®
Issue and face missing

उचित मुद्दे और चेहरे का अभाव

ऑर्गेनाइजर के अनुसार भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में स्थानीय मुद्दों को ढंग से नहीं उठाया, वहीं विपक्ष के पास न केवल ठोस वोट बैंक था, बल्कि उन्होंने स्थानीय मुद्दों को भी लोगों के बीच उठाया जिसका लाभ उन्हें मिला। जिस प्रकार से सभी सांसद, कबीना मंत्रियों ने दिल्ली चुनाव में पार्टी का प्रचार किया, उससे लगता है कि भाजपा मोदी और केन्द्र के सहारे चुनावी वैतरणी पार करना चाहती थी, जोकि इस चुनाव में उसकी सबसे बड़ी भूल रही। पार्टी को स्थानी मुद्दों के साथ दिल्ली इकाई को चुनाव का नेतृत्व संभालना चाहिए था।
Late campaign

विलम्ब से आरंभ हुआ प्रचार

पत्रिका में रतन शरद ने इस लेख लिखा है, कि भाजपा की चुनाव प्रचार नियोजन सही नहीं था। पार्टी ने चुनाव से मात्र कुछ ही दिन पूर्व चुनाव प्रचार करना आरंभ किया, जबकि अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने बहुत पहले ही अपना चुनाव प्रचार आरंभ कर दिया था। भाजपा को दिल्ली के चुनाव में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर एक अभियान चलाने की आवश्यकता थी। किन्तु पार्टी ऐसा नहीं कर सकी। दिल्ली के लोग आम चुनाव और दिल्ली के चुनाव में भिन्न-भिन्न मुद्दों पर वोट करते हैं। इस पर ध्यान देना चाहिए था। 
People trusted AAP

लोगों ने आप पर किया भरोसा

2014 के लोकसभा चुनाव में लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को चुना था, जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में लोगों ने आम आदमी पार्टी को पसंद किया था। यही नहीं दूसरे प्रदेश के चुनाव के रुझान पर दृष्टि डालें तो वह भी इस तथ्य की पुष्टि करते हैं। सर्वे में पता चलता है कि लोग नासंका का समर्थन कर रहे हैं, किन्तु विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के समर्थक शाहीन बाग एवं नासंका के मुद्दे को चुनाव का मुद्दा बनाने में विफल रहे। 
शाहीन बाग के मुद्दे पर ऑर्गेनाइजर में लिखा गया है कि गृहमंत्री ने अपनी अधिकतर सभाओं में शाहीन बाग का मुद्दा उठाया, किन्तु मीडिया के समर्थन के अभाव में भाजपा के नेता सभा के आगे इसे नहीं पहुंचा सके। चुनाव पश्चात स्वयं अमित शाह ने कहा था कि उनका मूल्यांकन गलत निकला। 
Won 8 seats

मात्र 8 स्थानों पर मिली विजय

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 70 में से मात्र 8 स्थानों पर विजय मिली, जबकि आम आदमी पार्टी  62 का प्रचंड बहुमत लाई। वहीं कांग्रेस एक बार फिर से प्रदेश में अपना खाता तक नहीं खोल पाई। दिल्ली के चुनाव में भाजपा ने कुल 6577 सभाएं की, जिसमें स्वयं अमित शाह ने 52 रोड शो और जनसभाएं की। 
किन्तु देेश का शीर्ष मीडिया मानो केेजरीवाल की न्यूनताओं को ढकने और उसे नायक बनाने, जबकि भाजपा की एक एक शब्दावली पर उसे खलनायक प्रमाणित करने की ठान कर बैठा था। इसमें जी टीवी को अपवाद मानें। 
मतदाताओं का ध्यान भटका कर ध्रुवीकरण करने का परिणाम हमारे सामने है। -युगदर्पण®