दीपावली प्रकाश पर्व मंगलमय हो-

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611.what's App no 9971065525 DD-Live YDMS दूरदर्पण विविध राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय विषयों पर दो दर्जन प्ले-सूची https://www.youtube.com/channel/UCHK9opMlYUfj0yTI6XovOFg एवं CD-Live YDMS चुनावदर्पण https://www.youtube.com/channel/UCjS_ujNAXXQXD4JZXYB-d8Q/channels?disable_polymer=true: :

Saturday, May 24, 2014

जब अच्छे दिन आएंगे तब ?

जब अच्छे दिन आएंगे तब ?
ভাল যখন দিন আসতে হবে?, when The good days will come, then ?, સારા જ્યારે આ દિવસ આવશે?, ಉತ್ತಮ ದಿನ ಬರುತ್ತವೆ?, चांगले जेव्हा दिवस येतील?, ਚੰਗਾ ਹੈ ਜਦ ਦਿਨ ਆ ਜਾਵੇਗਾ?, நல்ல நாள் எப்போது வரும்?, మంచి రోజు వస్తాయి?, جب اچھے دن آئیں گے تب؟   
सारे जगत में ऊँचा, भारत का भाल होगा। !
हम शक्तिशाली होंगे, अब यह कमाल होगा।। 
हमारा, सारे जगत में ऊँचा .... !
आरक्षण का दाना देकर लुभाया था हमको जाता। 
पेड़ों की टहनियों को भी, नया नाम दिया जाता। 
औद्योगिक कचरे से रहे जो गंगा को प्रदूषित कर 
भारत विकास कह कर संसाधनों को लूटा जाता। 
इन सबसे मुक्त होकर अब, स्वावलम्बी देश होगा।।
हम शक्तिशाली होंगे, स्वावलम्बी देश होगा।। 
हमारा, सारे जगत में ऊँचा .... !
अब तक की व्यवस्था से, था समाज बाँटा जाता। 
सर्व कल्याणार्थ नहीं, वर्गों टुकड़ों में देखा जाता। 
वर्गवाद ही सत्ता का, चलन बनके जो रह जाता। 
सर्व कल्याण का विषय तो वर्गविरोधी कहलाता। 
अपव्याख्याओं के द्वारा, यूँ भरमाया हमको जाता। 
जागृत हुआ है भारत, विश्व गुरु भी अब होगा। 
पंथों में समानता है, क्यों? हिन्दू तिरस्कृत है। 
बातें हो एकता की, क्यों? समाज वर्गीकृत है। 
उत्थान सबका होवे, आरक्षण से न उपकृत हैं। 
सब वोट बैंक का ये, कृत अति निकृष्ट है। 
अव्यवस्था, अपव्याख्याऐं, बदलेंगी ये निश्चित है। 
सारे जगत में ऊँचा, भारत का नाम होगा। !
हम शक्तिशाली होंगे, स्वावलम्बी देश होगा।। 
हमारा, सारे जगत में ऊँचा .... !। 
तिलक संपादक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS 9911111611
Share All, जब आप इसे 125 करोड़ लोगों तक पहुंचाएंगे अच्छे दिन तभी जायेंगे।