दीपावली प्रकाश पर्व मंगलमय हो-

: : : क्या आप मानते हैं कि अपराध का महिमामंडन करते अश्लील, नकारात्मक 40 पृष्ठ के रद्दी समाचार; जिन्हे शीर्षक देख रद्दी में डाला जाता है। हमारी सोच, पठनीयता, चरित्र, चिंतन सहित भविष्य को नकारात्मकता देते हैं। फिर उसे केवल इसलिए लिया जाये, कि 40 पृष्ठ की रद्दी से क्रय मूल्य निकल आयेगा ? कभी इसका विचार किया है कि यह सब इस देश या हमारा अपना भविष्य रद्दी करता है? इसका एक ही विकल्प -सार्थक, सटीक, सुघड़, सुस्पष्ट व सकारात्मक राष्ट्रवादी मीडिया, YDMS, आइयें, इस के लिये संकल्प लें: शर्मनिरपेक्ष मैकालेवादी बिकाऊ मीडिया द्वारा समाज को भटकने से रोकें; जागते रहो, जगाते रहो।।: : नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक विकल्प का सार्थक संकल्प - (विविध विषयों के 28 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की एक वैश्विक पहचान है। आप चाहें तो आप भी बन सकते हैं, इसके समर्थक, योगदानकर्ता, प्रचारक,Be a member -Supporter, contributor, promotional Team, युगदर्पण मीडिया समूह संपादक - तिलक.धन्यवाद YDMS. 9911111611.what's App no 9971065525 DD-Live YDMS दूरदर्पण विविध राष्ट्रीय अन्तरराष्ट्रीय विषयों पर दो दर्जन प्ले-सूची https://www.youtube.com/channel/UCHK9opMlYUfj0yTI6XovOFg एवं CD-Live YDMS चुनावदर्पण https://www.youtube.com/channel/UCjS_ujNAXXQXD4JZXYB-d8Q/channels?disable_polymer=true: :

Wednesday, December 16, 2015

केजरीवाल के आरोप सीबीआई, जेटली द्वारा खारिज

केजरीवाल के आरोप सीबीआई, जेटली द्वारा खारिज 
तिलक 
15 दिसं15 नदि 
दावों और प्रति दावों के बीच सीबीआई ने भ्रष्टाचार के एक मामले में आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक अधिकारी के कार्यालय पर छापा मारा, जिसके बाद आप प्रमुख ने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘‘कायर और मनोरोगी’’ कहा। इसके साथ ही आप और केंद्र के बीच पहले से जारी टकराव और गहरा गया। जबकि मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके कार्यालय पर छापा मारा गया किन्तु सीबीआई के साथ साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में इस दावे को नकार दिया। विपक्ष ने राज्यसभा में हंगामा किया और जिसके कारण सदन को दो बार स्थगित करना पड़ा। सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि तीसरी मंजिल पर तलाशी केवल प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के कार्यालय में ली गई। दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 14 स्थानों पर छापे मारे गए।     कुमार और छह अन्य के विरुद्ध मामला अंकित किया गया है। जेटली ने राज्यसभा में कहा कि केजरीवाल के कार्यालय पर छापा नहीं मारा गया और यह छापा दिल्ली सरकार के एक अधिकारी के विरुद्ध कथित भ्रष्टाचार के मामले में मारा गया। ‘‘दिल्ली सरकार के विभागों से निविदाएं दिलाने में गत कुछ वर्षों में एक विशेष फर्म की सहायता करके’’ अपने आधिकारिक पद का दुरूपयोग करने के आरोपों में मामला अंकित किया गया है। जेटली ने कहा कि सीबीआई के छापे का केजरीवाल के कार्यालय से कोई लेना देना नहीं है और अधिकारी के विरुद्ध रिश्वतखोरी का मामला उनके अतीत से जुड़ा है। 
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ''सीबीआई ने मेरे कार्यालय पर छापे मारे।’’ उन्होंने छापेमारी पर रोष जताते हुए एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘जब मोदी राजनीतिक रूप से मुझसे नहीं निपट सके तो उन्होंने यह कायरता दिखाई। मोदी कायर और मनोरोगी हैं।’’ केजरीवाल ने मोदी की आलोचना करने के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया, उसकी भाजपा ने निंदा की और कहा कि यह ''पूर्णतय: अस्वीकार्य’’ है।’’ जावड़ेकर ने कहा, ''क्या वह भ्रष्ट को बचाना चाहते हैं?’’ उन्होंने कहा, ''भ्रष्ट के विरुद्ध कार्रवाई न करके उल्टा वह प्रधानमंत्री पर आरोप लगा रहे हैं। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।’’ 
अब प्रश्न यह है कि यदि अतीत में रिश्वतखोरी से जुड़ा अधिकारी उनके प्रधान सचिव नियुक्त है, तो क्या वह कानून से ऊपर है? उसपर कार्यवाही को अपने विरुद्ध बता कर विरोध करना, क्या भ्रष्टाचार का संरक्षण नहीं है? क्या वो मु मं कार्यालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाना कहते है? 
बेताल ने कहा, "राजन नौटंकीवाल, यदि इन प्रश्नों का उत्तर तुमने जानबूझ कर, जनता को भ्रमित करने के लिए गलत दिया" तो तुम्हारा जनसमर्थन तुम्हारी सत्ता से अलग होकर, टुकड़े टुकड़े हो जायेगा। इस प्रकार नौटंकी के मोह में उलझे नौटंकी वाल का सारा जनसमर्थन, नौटंकी के शव के साथ अदृश्य हो गया। 

Tuesday, December 15, 2015

राहुल गांधी के दावे, बारपेटा सत्र प्रमुख का खंडन

राहुल गांधी के दावे, बारपेटा सत्र प्रमुख का खंडन 
तिलक 
14/15 दिसं 2015 
राहुल गांधी ने आज दावा किया कि असम की हाल की उनकी यात्रा के समय उन्हें आरएसएस कार्यकर्ताओं ने बारपेटा सत्र के एक मंदिर में जाने नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की राजनीति की शैली है जो अस्वीकार्य है। दूसरी ओर बताया जा रहा है कि बारपेटा सत्र के प्रमुख ने आज राहुल गांधी के इस दावे का खंडन किया कि उन्हें इस वैष्णव मठ में प्रवेश करने से रोका गया और कहा कि इस धार्मिक स्थल पर आरएसएस का कोई एजेंट नहीं है। बारपेटा सत्र बुरा सत्रिय (प्रमुख) बक्षित देब शर्मा ने संस्कृति और धर्म के केंद्र को राजनीति से जोड़ने के मुख्यमंत्री के प्रयास को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया तथा संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक धार्मिक स्थल है और यहां केवल धार्मिक गतिविधियां होती हैं। सत्र में राजनीति कहां से आ गयी?’’
उन्होंने कहा, ‘‘गोगोई मुख्यमंत्री हैं और उनके द्वारा सत्र जैसे धर्म और संस्कृति के केंद्र को राजनीति से जोड़ना बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। भविष्य में राजनीति और सत्र को आपस में नहीं जोड़ा जाना चाहिए।’’ गोगोई के इस दावे पर कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों द्वारा सत्र की किसी भी भूमी का अतिक्रमण नहीं किया गया, उन्होंने कहा, ‘‘गोगोई द्वारा महत्वपूर्ण मुद्दों को भुला दिये जाने से काम नहीं चलेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां हमारे सत्र (वैष्णव मठ) और मजूली द्वीप में भी सत्र की भूमी पर अतिक्रमण हुआ है।’’ 
संभवत: भूमी पर बांग्लादेशी प्रवासियों द्वारा अतिक्रमण पर झगड़ा ऐसे आरोपों का मूल कारण है। 

Tuesday, November 17, 2015

विश्व हिंदू परिषद के पितामह अशोक सिंघल का निधन

विश्व हिंदू परिषद के पितामह अशोक सिंघल का निधन 
युगदर्पण समाचार 
17 नवंबर 2015    गुड़गांव 

अस्सी के दशक के अंतिम वर्षों और बाद के दिनों में राम जन्मभूमि आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले विहिप शिखर पुरुष अशोक सिंघल जी का आज यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डा प्रवीण तोगड़िया ने बताया कि सांस संबंधी और अन्य परेशानियों के बाद पिछले शनिवार को मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराए गए, सिंघल का हृदय गति रूकने और सेप्टीसीमिया के कारण दिन में दो बजकर 24 मिनट पर निधन हो गया। 
श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के कर्णधार, श्रीराम मंदिर के शिल्पकार, हिन्दू ह्रदय सम्राट के सम्बोधन से जाने जाते एवं आजीवन अविवाहित और आरएसएस प्रचारक रहे सिंघल ने, दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस तक कारसेवक अभियान चलाने में आक्रामक शैली अपनायी थी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से धातु विज्ञान इंजीनियरिंग में स्नातक, सिंघल ने अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में संगठन को आगे बढ़ाया। दुनिया भर में समर्थक बनाकर और शाखाएं लगाकर, इसे अंतरराष्ट्रीय पटल पर लाने की कोशिश की। विहिप के अभियान में विदेशी समर्थकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके पूर्व मीनाक्षीपुरम में कथित कुलीन हिन्दुओं द्वारा मन्दिर प्रवेश रोकने की घटना के बाद सामूहिक धर्मान्तरण से हिलती समाज की नींव उस एक युगपुरुष को ऐसा झंझोड़ गई थी कि उसे धातु विज्ञान से समाज उत्थान की ओर मोड़ दृष्टी व ध्येय से युक्त साधक बना दिया। वहां जिनके लिए मंदिर के द्वार बंद हो चुके थे, 200 से अधिक मंदिर बनवा कर घर वापसी का मार्ग प्रशस्त कर समाज को एक नई दिशा दी। 
मुगलों अंग्रेजों व काले अंग्रेजों के शासन की मार से बीमार समाज की पीड़ाओं का उपचार करते करते वो साधक स्वयं राइट लोअर लोब निमोनिया से पीड़ित होने के बाद, सिंघल को उपचार के लिए अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। उन्हें 14 नवंबर की शाम से वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल ने सोमवार को बताया था कि सांस संबंधी, तंत्रिका विज्ञान, गुर्दा, एंडोक्रीनोलॉजी विशेषज्ञों वाली एक टीम सिंह के उपचार में लगी थी। हिन्दू समाज का उपचारक जब रुग्ण था, चिकित्सक उसे बचा न सके। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंघल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अशोक सिंघलजी का निधन गहरी निजी क्षति है। वह अपने आप में एक संस्था थे, जिन्होंने आजीवन देश की सेवा की।’’ उन्होंने कहा कि उनका सौभाग्य है कि अशोकजी का उन्हें हमेशा आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा, ‘‘उनके परिवार और अनगिनत समर्थकों को मेरी संवेदनाएं।’’ प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि अशोक सिंघल कई अनूठी चीजों और सामाजिक कार्यों के प्रेरणास्रोत थे, जिनका फायदा गरीबों को मिला। ‘वह पीढियों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।’
सिंघल के पार्थिव शरीर को, रात में मध्य दिल्ली में झंडेवालान में आरएसएस कार्यालय में लाया जाएगा। तोगड़िया ने बताया कि बुधवार दिन में तीन बजे तक वहां उनके पार्थिव शरीर को रखा जाएगा, जिससे कि लोग अंतिम दर्शन कर सके। इसके बाद निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।
आगरा में दो अक्तूबर 1926 को जन्मे सिंघल ने वर्ष 1950 में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के ‘इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी’ से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। वह वर्ष 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गये थे, लेकिन स्नातक की पढाई पूरी करने के बाद वह पूर्णकालिक प्रचारक बने। उन्होंने उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर काम किया और दिल्ली तथा हरियाणा के प्रांत प्रचारक बने। वर्ष 1980 में उन्हें विहिप में जिम्मेदारी देते हुए इसका संयुक्त महासचिव बनाया गया। वर्ष 1984 में वह इसके महासचिव बने और बाद में इसके कार्यकारी अध्यक्ष का पद सौंपा गया। इस पद पर वह दिसंबर 2011 तक रहे।
नकारात्मक मीडिया के लिए यह मात्र एक समाचार है किन्तु भारत और हिंदुत्व के लिए अपूरणीय क्षति की घडी है। विहिप को भले तोगड़िया के रूप में अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने पर भी अशोक जी का स्थान भर लिया जाये किन्तु उनके कार्य, उनका स्मरण कर सपनो को साकार हम करते रहेंगे, यही हमारी उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। परमात्मा समाज पर पड़ी समय की धूल को साफ करने ऐसे प्रेरणा पुञ्ज भेजते रहें। वन्दे -
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक 7531949051, 9910774607, 01125835525.

Friday, February 27, 2015

लोक लुभावन से जनकल्याण तक रेल बजट की यात्रा

किरायों में परिवर्तन नहीं, सुखद हो यात्रा 
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और संयुक्त उद्यमों पर ध्यान केंद्रित होने की संभावना 
AFPडीजल की दरों में गिरावट और माल भाड़ा आय में वृद्धि से, मोदी सरकार को मिला, निवेश बढ़ाने के लिए एक स्वर्णिम  अवसरराज्य मंत्री रेलवे ने मनोज सिन्हा पहले ही, डीजल दरों में कटौती के आधार पर  भाड़े में कटौती की संभावना को नकार दिया था।  किन्तु प्रभु इससे वित्त में भारी अंतर को पाटने के प्रयास के रूप में, तथा बजट द्वारा  मिले  उच्चतर समर्थन एवं निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों के साथ संयुक्त उपक्रम पर भी निर्भर हो कर रेलवे को वापस पटरी पर डालने की आशा संजोये है। सूत्रों का कहना है कि सरकार सार्वजनिक निजी भागीदारी आधार पर पैसे जुटाने के लिए उत्सुक है। गैर सरकारी संगठनों और कॉर्पोरेट क्षेत्रों से और अधिक राजस्व उत्पन्न करने के लिए, रेल के डिब्बों पर विज्ञापन कर सकते हैं। 
2013 रेल बजट से पहले, किराए में एक दशक के लिए वृद्धि नहीं की गई थी, किन्तु फिर भी, पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने दूसरा और शयन श्रेणियों में, बढ़ोतरी की जिसे वापस करने के लिए बाध्य किया गया था। जबकि, गत वर्ष मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत पहले रेल बजट में, किरायों में 6.5 % से 14.2 % और माल ढुलाई से बढ़ गए थे। 
"प्रभु की भव्य योजनाओं में 24,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा छू रहे राष्ट्रीय यातायात में, माल ढुलाई की भागीदारी  बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम में, यात्री सेवा के लिए क्रॉस-सब्सिडी कम करने हेतु माल भाड़ा आय से, संभावना की खोज  करने की है। यह थी लोक लुभावन से जनकल्याण तक रेल बजट की यात्रा भर में बोर्ड रोल के साथ या लंबी पैदल यात्रा के बिना ट्रांसपोर्टर में हिस्सेदारी है जो कैसे के बारे में उनको खंडित 
The fall in diesel prices and a pick-up in freight earnings has given the Modi government a golden chance to raise investments.
No reduction of fares, focus likely to be on FDI and joint ventures
AFP
Minister of State for Railways Manoj Sinha had earlier ruled out a reduction in fares in the context of lowering of diesel rates but Prabhu is expected to make a tight rope walk as he tries to bridge the huge gap in finances. This means that Prabhu will rely on higher support from the Union Budgetas well as joint ventures with private sector players to put the railways back on track. Sources told CNN IBN that the government is keen on Public Private Partnerships to raise money. NGOs and corporate sectors can advertise on the coaches of railways to generate more revenue.
Prior to the 2013 rail budget, fares had not been increased for a decade but even then former railways minister Dinesh Trivedi was forced to roll back the across-the-board hike in second and sleeper class categories. However, in the first Rail Budget presented by the Modi government last year, fares were increased by 14.2 percent and freight by 6.5 percent.
"Prabhu is likely to unravel his grand plans of how to decrease the cross-subsidy for passenger service from freight earnings which is touching Rs 24,000 crore and the steps to increase goods transportation share in the national transporter with or without hiking