आज की गान्धारी अपनी आँखों पर नहीं जनसामान्य को नियमों से बाँधकर व उनकी आँखों पर कानून की तथा विचार बदलने हेतु मस्तिष्क पर भ्रामक प्रचार की पट्टी चढ़ा देती है। आज दुर्योधन व गान्धारी के साथ सभी 100 कौरव अपने 200 हाथों से अपने ही देश को खोखला करने में लगे हैं। भीष्म को भी लूट में भागीदारी मिल रही है। दूसरी ओर कृष्ण अभी दूर दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। जबकि दोनों पक्षों की सेनाएं कुरुक्षेत्र में उतरने की तैयारी में हैं। जय भारत! तिलक -संपादक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. 7531949051, 9910774607.
दीपावली प्रकाश पर्व मंगलमय हो-
Friday, November 7, 2014
Thursday, October 30, 2014
Run for Unity -सरदार पटेल व मोदी का एकता मन्त्र
सरदार पटेल व मोदी का एकता मन्त्र
आज 31 अक्तूबर, 2014 को देश के करोड़ो लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी सहित सभी प्रदेशों में आयोजित की जा रही एकता दौड़ में भाग लिया है।
सरदार वल्लभभाई पटेल की 139 वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए प्रात: सात बजकर 30 मिनट पर पटेल चौक, संसद मार्ग पर ऐतिहासिक समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा राष्ट्रपति भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने विजय चौक पर 7 बजकर 40 मि पर एकता दौड़ के प्रतिभागियों को संबोधित किया तथा 8 बजे एकता की शपथ दिलाई। राजपथ पर विजय चौक से इंडिया गेट तक आयोजित की गई इस एकता दौड़ को 8 बजकर 15 मिनट पर हरी झंडी दिखाई, तथा सर्वजन के साथ स्वयं भी दौड़े।
स्वतंत्रता के 67 वर्ष के इतिहास में सरदार पटेल विस्मृत किये जाते रहे। सैंकड़ो टुकड़ों में देश को बाँटने की अंग्रेजी चाह को ध्वस्त कर, सभी 550 शासकों को भारत में विलय के लिए तैयार पटेल ने किया था।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह नम्पल्ली, हैदराबाद में प्रात: 7 बजकर 45 मि पर सरदार पटेल की प्रतिमा के निकट एकता दौड़ के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। बाद में राजनाथ सिंह हैदराबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में भारतीय पुलिस सेवा अधिकारियों की परेड का अवलोकन किया।
आज सामान्यजन भी समझने लगे हैं, किस प्रकार अब तक केवल एकता के नारे लगाये जाते थे, किन्तु एकता का सूत्र बने पटेल को, पटल पर नहीं आने दिया था; पटेल को प्रमुखता से अब मोदी ने प्रस्तुत किया तथा झंडी दिखा, स्वयं साथ दौड़े, इसने जनता के मन को छू लिया। आज सही अर्थों में एकता का भाव तथा नई पीढ़ी को पटेल ने उद्वेलित किया है। केवल कुछ राष्ट्रद्रोही भले ही अभी भी मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाये हों, किन्तु एक अद्भुत वातावरण 67 वर्षों में, सन 1965 के अतिरिक्त कभी नहीं बना, वह मैं एक वरिष्ठ नागरिक के रूप में देख पा रहा हूँ।
राष्ट्र- https://www.youtube.com/watch?v=BVZLvVk6zhw&index=76&list=PL17D218DE462E6B7A
समाज- https://www.youtube.com/watch?v=BVZLvVk6zhw&index=46&list=PLE26119A2723D491D
स्वतन्त्र भारत में कांग्रेस यदि इन 2, सरदार पटेल तथा लाल बहादुर शास्त्री इसी प्रकार मुस्लिम श अब्दुल हमीद तथा पू राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद को आदर्श मान कर चलते तो आज भारत विश्व गुरु होता! मैं इन चारों को नमन करता हूँ। पूरा देश इन चारों को नमन करता है। कामना करते हैं कांग्रेसी व मुस्लिम सही मार्ग पर चल सकें, अन्यथा इनका युग अब समाप्त हो चुका है -सं. युगदर्पण 7531949051
आज 31 अक्तूबर, 2014 को देश के करोड़ो लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी सहित सभी प्रदेशों में आयोजित की जा रही एकता दौड़ में भाग लिया है।
सरदार वल्लभभाई पटेल की 139 वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए प्रात: सात बजकर 30 मिनट पर पटेल चौक, संसद मार्ग पर ऐतिहासिक समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा राष्ट्रपति भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने विजय चौक पर 7 बजकर 40 मि पर एकता दौड़ के प्रतिभागियों को संबोधित किया तथा 8 बजे एकता की शपथ दिलाई। राजपथ पर विजय चौक से इंडिया गेट तक आयोजित की गई इस एकता दौड़ को 8 बजकर 15 मिनट पर हरी झंडी दिखाई, तथा सर्वजन के साथ स्वयं भी दौड़े।
स्वतंत्रता के 67 वर्ष के इतिहास में सरदार पटेल विस्मृत किये जाते रहे। सैंकड़ो टुकड़ों में देश को बाँटने की अंग्रेजी चाह को ध्वस्त कर, सभी 550 शासकों को भारत में विलय के लिए तैयार पटेल ने किया था।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह नम्पल्ली, हैदराबाद में प्रात: 7 बजकर 45 मि पर सरदार पटेल की प्रतिमा के निकट एकता दौड़ के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। बाद में राजनाथ सिंह हैदराबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में भारतीय पुलिस सेवा अधिकारियों की परेड का अवलोकन किया।
आज सामान्यजन भी समझने लगे हैं, किस प्रकार अब तक केवल एकता के नारे लगाये जाते थे, किन्तु एकता का सूत्र बने पटेल को, पटल पर नहीं आने दिया था; पटेल को प्रमुखता से अब मोदी ने प्रस्तुत किया तथा झंडी दिखा, स्वयं साथ दौड़े, इसने जनता के मन को छू लिया। आज सही अर्थों में एकता का भाव तथा नई पीढ़ी को पटेल ने उद्वेलित किया है। केवल कुछ राष्ट्रद्रोही भले ही अभी भी मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाये हों, किन्तु एक अद्भुत वातावरण 67 वर्षों में, सन 1965 के अतिरिक्त कभी नहीं बना, वह मैं एक वरिष्ठ नागरिक के रूप में देख पा रहा हूँ।
राष्ट्र- https://www.youtube.com/watch?v=BVZLvVk6zhw&index=76&list=PL17D218DE462E6B7A
समाज- https://www.youtube.com/watch?v=BVZLvVk6zhw&index=46&list=PLE26119A2723D491D
स्वतन्त्र भारत में कांग्रेस यदि इन 2, सरदार पटेल तथा लाल बहादुर शास्त्री इसी प्रकार मुस्लिम श अब्दुल हमीद तथा पू राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद को आदर्श मान कर चलते तो आज भारत विश्व गुरु होता! मैं इन चारों को नमन करता हूँ। पूरा देश इन चारों को नमन करता है। कामना करते हैं कांग्रेसी व मुस्लिम सही मार्ग पर चल सकें, अन्यथा इनका युग अब समाप्त हो चुका है -सं. युगदर्पण 7531949051
Sunday, October 19, 2014
विधानसभा चुनाव परिणाम हरियाणा महाराष्ट्र
ऐतिहासिक युगदर्पण प्रस्तुति
विधानसभा चुनाव परिणाम हरियाणा
कुछ प्रमुख नाम
सतपाल सांगवान
दादरी
15690
दन सिंह राव
महेन्द्रगढ़
49233
कैप्टन अभिमन्यु
नारनौंद
53770
नैना सिंह चौटाला
डबवाली
68029
कुलदीप बिश्नोई
आदमपुर
56757
अशोक कुमार अरोड़ा
थानेसर
42442
अभय सिंह चौटाला
ऐलनाबाद
69162
नरेन्द्र सिंह
नारनौल
13899
सावित्री जिंदल
हिसार
28639
डा वंदना शर्मा
सफीदों
27947
ज्ञान चंद गुप्ता
पंचकुला
69916
मनोहर लाल खट्टर
करनाल
82485
चंदर मोहन
नलवा
34835
विनोद शर्मा
अम्बाला शहर
36964
किरण चौधरी
तोशम
58218
अजय सिंह
रिवाड़ी
31471
रेणुका बिश्नोई
हांसी
46335
राम विलास शर्मा
महेन्द्रगढ़
83724
दुष्यंत चौटाला
उचाना कलाँ
72194
रणदीप सिंह सुरजेवाला
कैथल
65524
अनिल विज
अम्बाला कैंट
66605
विधानसभा चुनाव परिणाम हरियाणा /महाराष्ट्र
पार्टी प्रदर्शन
विधानसभा चुनाव 2014
विधानसभा चुनाव 2009
लोकसभा चुनाव 2014
Friday, August 8, 2014
मानवतावाद का चोला ?
मानवतावाद का चोला ? सही लगे तो शेयर कर 125 करोड़ तक पहुचाएं।
वन्देमातरम, (कृ ध्यान से पूरा पढ़ें तथा अंतरात्मा से सही निर्णय लें।)
यदि बात सबकी भावनाओं का सम्मान करने की है ?
सर्व पंथ समादर तो हिन्दू चरित्र में है। तभी स्वतंत्रता के बाद अन्यों का काल्पनिक भय दिखा कर भारत को धर्म निरपेक्ष बनाने के प्रस्ताव को सहज स्वीकार लिया गया। फिर धर्म निरपेक्षता की विकृत परिभाषा से हिंदुत्व को कुचलने व राष्ट्रद्रोहियों का समर्थन करने का नया मुखौटा बना मानवतावाद। जबकि एक सच्चा मानवतावाद हिंदुत्व में युगों युगों से निहित है। आचरण में है। मानवतावाद का आडम्बर; जिनका समर्थन करता है; उनका चरित्र उतना ही दोगला है; जितना मानवतावाद के पाखंडियों का। जिहादियों के छींकने से इन्हे बुखार हो जाये, क्या वे राष्ट्रद्रोहियों से किसी प्रकार काम है?
किन्तु आधी सदी और 3 पीढ़ियों को मानवतावाद के नाम से हिन्दू विरोधी होने पर गर्व करना सिखाया गया। इसी के चलते कथित 'एलीट' शान से मानवतावाद का चोला ओढ़े हिन्दू को सांप्रदायिक कहने में तथा जिहादियों के समर्थन में जाने -अनजाने राष्ट्रद्रोहियों के पापों का सहभागी बनता है।
क्या अब भी आप स्वयं को मानवतावादि तथा हिन्दू साम्प्रदायिकता (जो हमारी संस्कृति को नष्ट करने अपसंस्कृति फ़ैलाने का कुचक्र है) जैसे भ्रम जनित सम्बोधन त्यागना नहीं चाहेंगे ?
जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, तब पायें - नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प- युगदर्पण मीडिया समूह YDMS.
हिंदी साप्ताहिक राष्ट्रीय समाचार पत्र, 2001 से पंजी सं RNI DelHin11786/2001(विविध विषयों के 30 ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र) की 60 से अधिक देशों मेंएक वैश्विक पहचान है।
वन्देमातरम, (कृ ध्यान से पूरा पढ़ें तथा अंतरात्मा से सही निर्णय लें।)
यदि बात सबकी भावनाओं का सम्मान करने की है ?
सर्व पंथ समादर तो हिन्दू चरित्र में है। तभी स्वतंत्रता के बाद अन्यों का काल्पनिक भय दिखा कर भारत को धर्म निरपेक्ष बनाने के प्रस्ताव को सहज स्वीकार लिया गया। फिर धर्म निरपेक्षता की विकृत परिभाषा से हिंदुत्व को कुचलने व राष्ट्रद्रोहियों का समर्थन करने का नया मुखौटा बना मानवतावाद। जबकि एक सच्चा मानवतावाद हिंदुत्व में युगों युगों से निहित है। आचरण में है। मानवतावाद का आडम्बर; जिनका समर्थन करता है; उनका चरित्र उतना ही दोगला है; जितना मानवतावाद के पाखंडियों का। जिहादियों के छींकने से इन्हे बुखार हो जाये, क्या वे राष्ट्रद्रोहियों से किसी प्रकार काम है?
किन्तु आधी सदी और 3 पीढ़ियों को मानवतावाद के नाम से हिन्दू विरोधी होने पर गर्व करना सिखाया गया। इसी के चलते कथित 'एलीट' शान से मानवतावाद का चोला ओढ़े हिन्दू को सांप्रदायिक कहने में तथा जिहादियों के समर्थन में जाने -अनजाने राष्ट्रद्रोहियों के पापों का सहभागी बनता है।
क्या अब भी आप स्वयं को मानवतावादि तथा हिन्दू साम्प्रदायिकता (जो हमारी संस्कृति को नष्ट करने अपसंस्कृति फ़ैलाने का कुचक्र है) जैसे भ्रम जनित सम्बोधन त्यागना नहीं चाहेंगे ?
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Friday, June 13, 2014
जनादेश प्राप्ति का एक माह पूर्ण
वन्देमातरम, इन सांसदों को जनादेश प्राप्ति का एक माह पूर्ण हुआ।
तथा सत्ता परिवर्तन के 20 दिन।
पूर्ववर्ती सरकार से इनकी कार्यशैली श्रेष्ठ है, इसका शुभारम्भ तो यही संकेत दे रहा है। किन्तु सर मुंडाते ही ओले पड़ने लगे इसके संकेत भी प्रारम्भ से मिलने लगे। वर्षों पूर्व का एक गीत स्मरण अ रहा है
राष्ट्र भक्ति ले ह्रदय में, हो खड़ा यदि देश सारा
संकटों पर मात कर यह राष्ट्र विजयी हो हमारा
और जिस देश का प्रधान मंत्री 125 करोड़ जनता को साथ लेकर उनके हित के लिए कार्यशील हो, उसके मार्ग से तो बाधाओं को भी किनारा करना पड़ेगा। हमारा यह राष्ट्र विजयी हो कर रहेगा।
तथा सत्ता परिवर्तन के 20 दिन।
पूर्ववर्ती सरकार से इनकी कार्यशैली श्रेष्ठ है, इसका शुभारम्भ तो यही संकेत दे रहा है। किन्तु सर मुंडाते ही ओले पड़ने लगे इसके संकेत भी प्रारम्भ से मिलने लगे। वर्षों पूर्व का एक गीत स्मरण अ रहा है
राष्ट्र भक्ति ले ह्रदय में, हो खड़ा यदि देश सारा
संकटों पर मात कर यह राष्ट्र विजयी हो हमारा
और जिस देश का प्रधान मंत्री 125 करोड़ जनता को साथ लेकर उनके हित के लिए कार्यशील हो, उसके मार्ग से तो बाधाओं को भी किनारा करना पड़ेगा। हमारा यह राष्ट्र विजयी हो कर रहेगा।
Thursday, June 5, 2014
स्वास्थ्य मंत्री का जीवन सुरक्षा अभियान
सुरक्षा पेटी 'सीट बैल्ट' का उपयोग श्री गोपीनाथ मुंडे के प्राण बचा सकता था
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के अनुसार कर में सुरक्षा पेटी का उपयोग श्री गोपीनाथ मुंडे के प्राण बचा सकता था। डॉ. हर्षवर्धन ने दिवंगत ग्रामीण विकास मंत्री की अंत्येष्टि में सम्मिलित होने के लिए बीड, महाराष्ट्र प्रस्थान करने से पूर्व कहा ‘अधिकांश लोग मानते हैं कि कार में पिछली सीट पर लगाई गयी पेटी, केवल सजावट के उद्देश्य से लगाई जाती है। मैंने मात्र इस एक भ्रांन्ति के चलते अपना मित्र खो दिया है। वास्तव में अगली सीटों की पेटी की भांति पिछली सीट पर पेटी लगाना भी अनिवार्य होता है। किसी अप्रिय स्थिति में यह जीवन बचाने का कारण हो सकती है।’
मंगलवार को श्री गोपीनाथ मुंडे का निधन एक दुर्घटना के कारण हो गया था। लाल बत्ती को पार कर एक कार ने श्री मुंडे की कार को टक्कर मार दी थी। इस दुर्घटना से उनकी कार को तो अधिक क्षति नहीं पहुंची, किन्तु कार को लगे तेज धक्के के कारण श्री मुंडे की गर्दन के जोड़ और उनकी रीढ़ की हड्डी को गंभीर चोट पहुंची, जिसके कारण मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति बाधित हुई और तत्काल उनकी हृदय गति और सांस रुक गयी। इसके अतिरिक्त उनका यकृत (जिगर) भी फट गया था और इसमें से रक्त बह रहा था। देश ने एक महत्वपूर्ण जननेता और समर्थ मंत्री खो दिया है।
अगस्त, 1997 में ऐसी ही एक दुर्घटना में ब्रिटेन की प्रिंसेस डायना के प्राण चले गए। उनकी द्रुतगति कार पेरिस में एक भूमिगत सुरंग में खम्भे से टकरा गई थी। 2007 में ऐसी ही एक दुर्घटना में, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा की कार की ट्रक से हुई टक्कर के कारण निधन हो गया था। आज मैं उन अनेक लोगों के दु:ख को अनुभव कर पा रहा हूं जो सुरक्षा पेटी की आवश्यकता को अस्वीकरण से कार दुर्घटना में अपने प्रिय जनों को खो देते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय का अभियान
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय गाड़ी चलाते समय सुरक्षा नियमों की अनदेखी करने वाले लोगों को, जागृत करने की पहल करेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सुरक्षा के बारे में स्वयं सेवी संगठनों के सहयोग से मल्टी मीडिया अभियान चलाने पर विचार किया जा रहा है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा ‘’ मुख्य ध्यान प्रत्यक्ष रूप से दुर्घटना के शिकार अथवा उन बच्चों पर दिया जायेगा, जिन्हें अभिभावक पिछली सीट पर बैठाते है अथवा जिनकी पर्याप्त देखभाल नहीं की जाती। बच्चे गलत लोगों का अनुकरण भी कर सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गलत ढ़ग से अथवा अंधाधुंध गाड़ी चलाने वाले लोगों का अनुकरण करने की बजाय बच्चों को सही ढ़ग से जीवन जीना सिखाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह चिंता की बात है कि विश्व के अन्य देशों की तुलना में भारत में युवा वर्ग आजकल सुरक्षा पेटी और सुरक्षा टोपी (मोटरबाइक चलाते समय) लगाने में रूचि नहीं लेते। अनुसंधान से पता चला है कि विशेषकर महिला चालकों और मोटरसाइकिल चालकों, विशेषकर से पिछली सीट पर बैठी महिलाओं में यह रूझान बहुत अधिक देखा गया है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘’ मैं कार और बाइक चालकों को सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए देशभर में पैट्रोल डीलर एसोसियशन का सहयोग चाहता हूं। डॉ. हर्षवर्धन ने जनता से अपील करते हुए कहा, ‘’ आइये गोपीनाथ मुंडे की त्रासदी को क्रांतिकारी परिवर्तन के रूप में लें।‘’
उन्होंने कहा, ‘’मंत्री जी की त्रासदी और असमय मृत्यु को सभी वाहन चालकों को चेतावनी के रूप में लेना चाहिए। एक जीवन बचाना, एक जीवन बनाने के समान है और समाज में संभावित परिवर्तन लाने वाला ही भविष्य को सुरक्षित कर सकता है।‘’नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक
Saturday, May 24, 2014
जब अच्छे दिन आएंगे तब ?
जब अच्छे दिन आएंगे तब ?
ভাল যখন দিন আসতে হবে?, when The good days will come, then ?, સારા જ્યારે આ દિવસ આવશે?, ಉತ್ತಮ ದಿನ ಬರುತ್ತವೆ?, चांगले जेव्हा दिवस येतील?, ਚੰਗਾ ਹੈ ਜਦ ਦਿਨ ਆ ਜਾਵੇਗਾ?, நல்ல நாள் எப்போது வரும்?, మంచి రోజు వస్తాయి?, جب اچھے دن آئیں گے تب؟
सारे जगत में ऊँचा, भारत का भाल होगा। !
हम शक्तिशाली होंगे, अब यह कमाल होगा।।
हमारा, सारे जगत में ऊँचा .... !।
आरक्षण का दाना देकर लुभाया था हमको जाता।
पेड़ों की टहनियों को भी, नया नाम दिया जाता।
औद्योगिक कचरे से रहे जो गंगा को प्रदूषित कर
भारत विकास कह कर संसाधनों को लूटा जाता।
इन सबसे मुक्त होकर अब, स्वावलम्बी देश होगा।।
हम शक्तिशाली होंगे, स्वावलम्बी देश होगा।।
हमारा, सारे जगत में ऊँचा .... !।
अब तक की व्यवस्था से, था समाज बाँटा जाता।
सर्व कल्याणार्थ नहीं, वर्गों टुकड़ों में देखा जाता।
वर्गवाद ही सत्ता का, चलन बनके जो रह जाता।
सर्व कल्याण का विषय तो वर्गविरोधी कहलाता।
अपव्याख्याओं के द्वारा, यूँ भरमाया हमको जाता।
जागृत हुआ है भारत, विश्व गुरु भी अब होगा।
पंथों में समानता है, क्यों? हिन्दू तिरस्कृत है।
बातें हो एकता की, क्यों? समाज वर्गीकृत है।
उत्थान सबका होवे, आरक्षण से न उपकृत हैं।
सब वोट बैंक का ये, कृत अति निकृष्ट है।
अव्यवस्था, अपव्याख्याऐं, बदलेंगी ये निश्चित है।
सारे जगत में ऊँचा, भारत का नाम होगा। !
हम शक्तिशाली होंगे, स्वावलम्बी देश होगा।।
हमारा, सारे जगत में ऊँचा .... !।
तिलक संपादक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS 9911111611
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