The Kashmir Files | Official Trailer I Anupam I Mithun I Darshan I Pallavi I Vivek I 11 March 2022 *👉🌟1/49, शर्मनिरपेक्ष संविधान व शोधन:👈* *▶DD-Live YDMS👑 दूरदर्पण* *युदस नदि 14 मार्च 2022:* काश्मीरी पंडितों की 33 वर्ष पूर्व की पीड़ा, जिसे कांग्रेस ने बोया, सींचा और पाला पोसा। जिसे देखकर, उस पीड़ा को हर मानव अनुभव करेगा। t.me/ydmsjhj The Kashmir Files | Official Trailer I Anupam I Mithun I Darshan I Pallavi I Vivek I 11 March 2022. A must seen film based on real stories about tragedy of Kashmiri pandit faced about 33 year back. -तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार संपादक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS👑 https://youtube.com/playlist?list=PL3G9LcooHZf2U_6apbxRZdpCpvLeIsN2w फिल्म फैशन क्लब फंडा :--(चमकता काला सच)|

आज की गान्धारी अपनी आँखों पर नहीं जनसामान्य को नियमों से बाँधकर व उनकी आँखों पर कानून की तथा विचार बदलने हेतु मस्तिष्क पर भ्रामक प्रचार की पट्टी चढ़ा देती है। आज दुर्योधन व गान्धारी के साथ सभी 100 कौरव अपने 200 हाथों से अपने ही देश को खोखला करने में लगे हैं। भीष्म को भी लूट में भागीदारी मिल रही है। दूसरी ओर कृष्ण अभी दूर दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। जबकि दोनों पक्षों की सेनाएं कुरुक्षेत्र में उतरने की तैयारी में हैं। जय भारत! तिलक -संपादक युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. 7531949051, 9910774607.
दीपावली प्रकाश पर्व मंगलमय हो-
Tuesday, March 15, 2022
Saturday, August 28, 2021
गू -गल की सड़ांध!? कैसे हुआ अर्थ कुअर्थ?
गू -गल की सड़ांध!? कैसे हुआ अर्थ कुअर्थ?
Tuesday, August 3, 2021
मैं रहूं या न रहूं, भारत ये रहना चाहिए🙏
देश से है प्यार तो हर पल ये कहना चाहिए। मैं रहूं या न रहूं, भारत ये रहना चाहिए🙏
*(1/65,संपादित)* देश से है प्यार तो हर पल ये कहना चाहिए। मैं रहूं या न रहूं, भारत ये रहना चाहिए, क्रम ये मेरे बाद भी चलते ही रहना चाहिए।
देश से है प्यार तो हर पल ये कहना चाहिए। मैं रहूं या न रहूं, भारत ये रहना चाहिए
शिराओं को मेरी करके तार, और बनादो इक सितार, राग भारत मुझ पे छेड़ो, झनझनाओ बारम्बार, देश से ये प्रेम नेत्रों से छलकना चाहिए! देश से है प्यार तो हर पल ये कहना चाहिए। मैं रहूं या न रहूं, भारत ये रहना चाहिए... शत्रु से कहदो कि अब सीमा में रहना सीख ले, ये मेरा भारत अमर है, सत्य कहना सीख ले। भक्ति की इस शक्ति को बढ़कर दिखाना चाहिए।
देश से है प्यार तो हर पल ये कहना चाहिए। मैं रहूं या न रहूं, भारत ये रहना चाहिए🙏 - तिलक रेलन आज़ाद वरिष्ठ पत्रकार
https://youtube.com/playlist?list=PL3G9LcooHZf0HKks72xQlTZD1-n6Y6tRq
Sunday, April 11, 2021
नव संवत 2078, चैत्र प्रतिपदा
नव संवत 2078, चैत्र प्रतिपदा
अंग्रेजी का नव वर्ष भले हो मनाया,
व्यापक विकल्प का सार्थक संकल्प- युगदर्पण मीडिया समूह YDMS. हिंदी साप्ताहिक राष्ट्रीय समाचार पत्र, 2001 से पंजी सं RNI DelHin11786/2001 (विविध विषयों के 30ब्लाग, 5 चेनल व अन्य सूत्र)
की 60-70 से अधिक देशों में एक वैश्विक पहचान है। अब कू और टूटर पर, व्यक्तिगत एवं संस्थागत खाते हैं।
योग्यता व क्षमता विद्यमान है | आओ मिलकर इसे बनायें; - तिलक
कभी विश्व गुरु रहे भारत की, धर्म संस्कृति की पताका; विश्व के कल्याण हेतू पुनः नभ में फहराये | - तिलक
Thursday, November 12, 2020
👉बिहार व कई उपचुनाव की विजय🎉👈
👉बिहार व कई उपचुनाव की विजय🎉👈
👉विजयोत्सव भाजपा केंका दीदउमा दिल्ली👈
युदस नदि 11 नवं 2020: बिहार सहित कई राज्यों के उप-चुनाव में भारी सफलता पर विजयोत्सव एवं धन्यवाद कार्यक्रम, भाजपा केंका दीदउमा दिल्ली। प्र मं नरेंद्र मोदी का उद्बोधन सीधा प्रसारण।
हमारे दोनों यूट्यूब चैनल CD-Live YDMS👑 चयनदर्पण, एवं DD-Live YDMS👑 दूरदर्पण की उपर्युक्त प्ले सूची (मोदी मोदी मोदी2024) में उपलब्ध है।
-युगदर्पण®2001 मीडिया समूह YDMS👑
https://m.youtube.com/playlist?list=PL3G9LcooHZf0USzBLRcFJUT72gpZ7wVFh
Saturday, September 12, 2020
कितने प्रकार के हिन्दू !
👉🚩धर्म संस्कृति दर्पण🎯👈
प्रस्तुति: YugDarpan YDMS👑
👉🚩कितने प्रकार के हिन्दू !🎯👈
के. विक्रम राव
पितृपक्ष चल रहा है। सत्रह सितम्बर (बृहस्पतिवार) को श्राद्ध का अंतिम दिन रहेगा। गंगाजमुनी हिन्दू इस प्रथा का उपहास करते हैं। छद्म आस्थावान छिपे-सहमे रीति से परिपाटी निभाएंगे। कई श्रद्धालु एक बार जीवन में गया-तीर्थ जाने के बाद निबट जाते हैं। किन्तु अधिकांशतः अन्य जन सभी रीतियां मन से निभाते हैं। इसी अंतिम समूह का ढंग मुझे बहुत भाता है।
पूर्वजों का आदर मरणोपरांत भी करना, यह दर्शाता है कि नयी पीढ़ी कृतघ्न नहीं है। ऐसे मृत्यु के पश्चात वाले आचरण हमें सूर्योपासक पारसियों, ख्रिस्तीजन, जैन तथा बौद्धों में भी मिलते हैं। वे भी अपने सभी निर्देशित नियमों का विधि-विधान के अनुसार निर्वहन करते हैं।
अर्थात पुण्यकर्म से लाज, झिझक क्यों?
यहाँ चौथे मुग़ल बादशाह शाहाबुद्दीन मुहम्मद शाहजहाँ (खुर्रम) की उक्ति का उल्लेख कर दूं। श्राद्ध पद्धति का उल्लेख अतीव व्यथा से शाहजहाँ ने किया था। अपने बेटे औरंगजेब आलमगीर से बादशाह ने कहा, “हिन्दुओं से सीखो। वे अपने मरे हुए वालिद (पिता) को भी तर्पण में पानी पिलाते हैं और तुम हो कि अपने जीवित पिता को टूटे घड़े में आधा भरकर ही पानी देते हो, प्यासा रखते हो!” बाप से बेटे ने गद्दी हथियाते ही आगरा के किले में बादशाह को बंदी बना रखा था।
अर्थात पारंपरिक सम्बन्ध निभाने में हिन्दू को शहंशाह ने बहुत श्रेष्ठ बताया था।
आर्यसमाजी भी हिन्दुओं में होते हैं, जो मूर्ति-भंजक (इस्लामिस्टों की भांति बुतशिकन) हैं। वे श्राद्ध का बहिष्कार करते हैं, किन्तु वे वेदोक्त रीतियों को तो मानते हैं। #परन्तु यह नहीं स्वीकारते कि #अथर्ववेद (18-2-49) में उल्लिखित है कि पूर्वजों का स्मरण करना चाहिए: “येनः पितु: पितरो ये पितामहा तेभ्यः पितृभ्यो नमसा विधेम|”
*हिन्दू संप्रदाय के समाजशास्त्रीय प्रबंधन हेतु यह प्रथाएं रची गई थीं। किन्तु नौ सदियों तक के इस्लामी राज में नगरीय क्षेत्रों से ये परम्पराएँ लुप्तप्राय हो गयी हैं। आंचलिक क्षेत्रों में दिखती हैं।
पिण्डदान के विषय में कई भारतीयों के भ्रम को दूर करने हेतु मैं लन्दन के एक महान वैज्ञानिक का अनुभव बता दूं। यथा वह गोरा अंग्रेज था व हम गेहुंए भारतीय, जो युगों से दासता से ग्रसित रहे, तो शायद विचार करलें और मान भी लें कि आत्माएं होती हैं और विचरण करती रहती हैं। उनसे संवाद संभव है। आत्मिक सुधार हेतु प्रयास भी ।
इसी सन्दर्भ में लखनऊ विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग के हमारे एक साथी ने कभी (1959) एक लेख का उल्लेख किया जिसे ब्रिटेन के महान भौतिक शास्त्री लार्ड जॉन विलियम्स स्ट्रट रेले ने लिखा था। जॉन विलियम्स को 1904 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला था। वे बड़े धर्मनिष्ठ थे और पराविज्ञान में निष्णात थे। प्लैंशेट पर वे बहुधा अपने दिवंगत इकलौते पुत्र से संवाद करते थे।
**एक बार पुत्र ने उन्हें बताया कि वह एक अत्यंत ज्वलनशील स्थान पर है। मगर भारतीय आत्माएं यहाँ से शीघ्र मुक्ति पा लेती थीं क्योंकि उनके भूलोकवासी परिजन आटे से गेंदाकार ग्रास बनाकर कोई रीति निर्वहन करते थे। अर्थात पिंडदान ही रहा होगा।
अतः अब श्राद्ध प्रथा में विश्वास करना होगा।
K Vikram Rao
Mobile: 9415000909
E-mail:k.vikramrao@gmail.com
Sunday, September 6, 2020
🙏विनम्र श्रद्धांजलि🙏
🙏विनम्र श्रद्धांजलि🙏
श्रीमति स्नेहलता देवी (डॉ हर्षवर्धन की माताश्री) को परमात्मा अपने श्रीचरणों में स्थान दें, व शोक संतप्त परिवार को दुःख सहने का संबल प्रदान करें-
-भारत विश्वगुरु
व समस्त युगदर्पण® मीडिया समूह YDMS👑
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